नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के बाद शहर के 10 इलाकों में कर्फ्यू लागू किया गया है। यह कदम शहर में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है। इस लेख में, हम इस घटना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें हिंसा के कारण, प्रभावित क्षेत्र, प्रशासनिक कार्रवाई, और वर्तमान स्थिति शामिल हैं।
हिंसा का कारण और प्रारंभिक घटनाएँ
नागपुर के महल क्षेत्र में सोमवार को दो गुटों के बीच हिंसा भड़क उठी। यह हिंसा उस समय शुरू हुई जब विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर एक प्रदर्शन आयोजित किया था। प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाने की अफवाह फैल गई, जिससे तनाव बढ़ गया और हिंसा भड़क उठी।
हिंसा का विस्तार और प्रभावित क्षेत्र
हिंसा की शुरुआत चिटनिस पार्क और महल इलाकों से हुई, लेकिन जल्द ही यह कोतवाली और गणेशपेठ तक फैल गई। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। सीसीटीवी फुटेज में उपद्रवी लाठी-डंडों के साथ गाड़ियों और घरों में तोड़फोड़ करते हुए दिखाई दिए।
प्रशासनिक कार्रवाई और कर्फ्यू की घोषणा
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने नागपुर के 10 पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू किया। इन क्षेत्रों में कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर शामिल हैं। पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंघल ने बताया कि यह कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा।
गिरफ्तारियाँ और घायलों की संख्या
हिंसा के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए अब तक 47 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस हिंसा में 20 से 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। प्रशासन ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को निंदनीय बताया और कहा कि कुछ लोगों ने पुलिस पर भी पत्थरबाजी की, जो गलत है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने नागपुर की शांति को भंग न करने की अपील की और कहा कि तनाव पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने इस घटना के लिए सरकार को निशाने पर लिया है। समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने आरोप लगाया कि यह घटना बीजेपी के इशारे पर हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
वर्तमान स्थिति और प्रशासन की अपील
पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंघल ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और शहर में शांति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष
नागपुर में हुई इस हिंसा ने शहर की शांति और सौहार्द को प्रभावित किया है। प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई करते हुए कर्फ्यू लागू किया है और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। नागरिकों से अपील है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें, ताकि शहर में सामान्य स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो सके।