भारत के 8 सबसे अजीबोगरीब त्यौहार जो आपको चौंका देंगे!

भारत विविधताओं का देश है, जहां हर राज्य और समुदाय की अपनी अनूठी परंपराएँ और त्योहार हैं। इनमें से कुछ त्योहार इतने विचित्र और अनोखे हैं कि वे न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि बाहरी लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनते हैं। आइए जानते हैं भारत के 8 सबसे अजीबोगरीब त्योहारों के बारे में:

1. अग्नि केली (कर्नाटक)

कर्नाटक के मंगलुरु शहर में हर साल ‘अग्नि केली’ नामक त्योहार मनाया जाता है। इस 8 दिवसीय उत्सव के दौरान, दुर्गापरमेश्वरी मंदिर के भक्त एक-दूसरे पर जलती हुई मशालें फेंकते हैं। हैरानी की बात यह है कि लोग इस साहसिक परंपरा से डरते नहीं हैं और पूरे जोश के साथ इसका हिस्सा बनते हैं। मान्यता है कि इस परंपरा का हिस्सा बनने से सारे कष्ट और आर्थिक तंगी दूर हो जाती है।

2. मेड स्नाना (कर्नाटक)

कर्नाटक के कुक्के सुब्रमण्यम मंदिर में ‘मेड स्नाना’ नामक एक और अजीबोगरीब त्योहार मनाया जाता है। इस अवसर पर निचली जातियों के लोग केले के पत्तों पर ब्राह्मणों के बचे हुए भोजन पर लोटते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस परंपरा को निभाने से विभिन्न बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है।

3. थाईपुसम (तमिलनाडु)

तमिलनाडु में मनाया जाने वाला ‘थाईपुसम’ त्योहार भगवान मुरुगन को समर्पित है। इस दौरान भक्त अपनी श्रद्धा प्रदर्शित करने के लिए शरीर के विभिन्न हिस्सों में छेद करवाते हैं, जैसे जीभ, गाल और शरीर के अन्य हिस्सों में। यह दृश्य देखने में काफी विचित्र होता है, लेकिन भक्त इसे अपनी आस्था का प्रतीक मानते हैं।

4. लाठी मार होली (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश के बरसाना और नंदगांव में होली के अवसर पर ‘लाठी मार होली’ खेली जाती है। इसमें महिलाएँ पुरुषों को लाठियों से मारती हैं, जबकि पुरुष ढाल से अपना बचाव करते हैं। यह परंपरा राधा-कृष्ण की लीलाओं से जुड़ी मानी जाती है और इसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं।

5. जल्लिकट्टू (तमिलनाडु)

‘जल्लिकट्टू’ तमिलनाडु का एक प्राचीन खेल है, जो पोंगल त्योहार के दौरान आयोजित किया जाता है। इसमें लोग सांडों को काबू में करने की कोशिश करते हैं। यह खेल काफी खतरनाक होता है और इसमें कई बार लोग घायल भी हो जाते हैं, लेकिन यह स्थानीय संस्कृति का अहम हिस्सा है।

6. बनी उत्सव (आंध्र प्रदेश)

आंध्र प्रदेश के कर्नूल में विजयदशमी के अवसर पर ‘बनी उत्सव’ मनाया जाता है। इसमें हजारों लोग हाथों में लाठियाँ लेकर एक-दूसरे पर हमला करते हैं। यह परंपरा रात भर चलती है और माना जाता है कि यह शक्ति और साहस का प्रतीक है।

7. नाग पंचमी (महाराष्ट्र)

महाराष्ट्र में ‘नाग पंचमी’ के अवसर पर लोग जीवित सांपों की पूजा करते हैं। इस दिन लोग सांपों को दूध पिलाते हैं और उनकी आरती उतारते हैं। यह परंपरा सांपों के प्रति सम्मान और भय को दर्शाती है।

8. पुष्कर मेला (राजस्थान)

राजस्थान के पुष्कर में हर साल ‘पुष्कर मेला’ आयोजित होता है, जो विश्व का सबसे बड़ा ऊंट मेला माना जाता है। इस मेले में ऊंटों की दौड़, सजावट और खरीद-बिक्री होती है। यह मेला अपनी विचित्र गतिविधियों और रंग-बिरंगी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।

भारत के ये अजीबोगरीब त्योहार देश की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं की गहराई को दर्शाते हैं। हर त्योहार के पीछे एक गहरी मान्यता और इतिहास छिपा है, जो हमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराता है।

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